सोमवार, 26 अगस्त 2013

आज है जन्माष्टमी !

आज  है  जन्माष्टमी !

श्रीकृष्ण-मंदिर  में
अर्द्ध-रात्रि  के  समय
होनी  है  पूजा
कराएंगे  पंडित जी !

जलेगी  अगरबत्ती
मंत्र  पढ़े  जाएंगे
घंटा-ध्वनि  होगी
फिर  शंख  भी  बजेगा
बजाएंगे  पंडित  जी !

नगर  की  कुमारियां
होंगी  एकत्र  वहां
गाएंगी  सोहर, और
नाचेंगी  घूमर 
नचाएंगे  पंडित  जी !

कृष्ण-प्रेम  विह्वल
किसी  कन्या  का
अंग  कोई
भूल  से  उघड़े
खिल  जाएंगे  पंडित जी !

और  कोई  सु-कुमारी
राधा  बन  आएगी
दधि-माखन  लाएगी
चीर  बेचारी  का
उड़ाएंगे  पंडित  जी !

आदत  तो  आदत  है
जा  सकती  है  भला ?
रात  में  टांगों  में
तकिया  दबा  कर
सो  पाएंगे  पंडित  जी !

                                     ( 1977 )

                            -सुरेश  स्वप्निल 

*प्रकाशन: 'देशबंधु', भोपाल ( 1977 ), 'अंतर्यात्रा' ( 1983 ) एवं अन्यत्र।